Ye cutoff 100% mai se aigi ya 150 marks mai se
DV se kitne jyada no.lane pr final selection ho jayega. Any idea
RRB mentioned that they will call 1.5 candidates for Document Verification. Now will they conduct medical for all the candidates like will they conduct medical for those who are in waiting list?, plz reply
Ibps po 4th shift today... english 25 maths 20 reasoning 15 ...total 60. EWS cat. 50-52 tak marks aaye agar to ANY CHANCE
- No
- Yes
0 voters
Yeh bhi prakrity ki ajeeb vidambana hai😂😂😂😂😂
cutoff prediction band kro bhai, any chance puchna band kro shift wise paper ka level alag alag tha, normalisation se sabke marks vary honge, bas ab result date pata kro kisi ke chacha tau rrb me ho to bata de yaha pr
bhai ek request hai, pls yeh hoga ya nhi wala poll bandh karo ! main chahta hoon ki sabka ho par aisa possible nhi hai, yeh bhi sab jante hai ! But yeh har minute haan ya na wala poll se thak chuka hoon ! pls wait patiently for just few more days... Sab eager hai, aur hona bhi chahiye ! Sry if I've hurt anyone
tuesday ko result ka notice aa sakta hai kya
*निजीकरण व्यवस्था नहीं बल्कि पुनः रियासतीकरण है..* मात्र 70 साल में ही बाजी पलट गई। जहाँ से चले थे उसी जगह पहुंच रहे हैं हम। फर्क सिर्फ इतना कि दूसरा रास्ता चुना गया है और इसके परिणाम भी ज्यादा गम्भीर होंगे। 1947 जब देश आजाद हुआ था। नई नवेली सरकार और उनके मंन्त्री देश की रियासतों को आजाद भारत का हिस्सा बनाने के लिए परेशान थे। तकरीबन *562 रियासतों* को भारत में मिलाने के लिए साम दाम दंड भेद की नीति अपना कर अपनी कोशिश जारी रखे हुए थे। *क्योंकि देश की सारी संपत्ति इन्हीं रियासतों के पास थी।* कुछ रियासतों ने नखरे भी दिखाए, मगर कूटनीति और चतुरनीति से इन्हें आजाद भारत का हिस्सा बनाकर भारत के नाम से एक स्वतंत्र लोकतंत्र की स्थापना की। *और फिर देश की सारी संपत्ति सिमट कर गणतांत्रिक पद्धति वाले संप्रभुता प्राप्त भारत के पास आ गई।* धीरे धीरे रेल, बैंक, कारखानों आदि का राष्ट्रीयकरण किया गया और एक शक्तिशाली भारत का निर्माण हुआ । मात्र 70 साल बाद समय और विचार ने करवट ली है। फासीवादी ताकतें पूंजीवादी व्यवस्था के कंधे पर सवार हो राजनीतिक परिवर्तन पर उतारू है। लाभ और मुनाफे की विशुद्ध वैचारिक सोच पर आधारित ये राजनीतिक देश को फिर से 1947 के पीछे ले जाना चाहती है। *यानी देश की संपत्ति पुनः रियासतों के पास.......!* *लेकिन ये नए रजवाड़े होंगे कुछ पूंजीपति घराने और कुछ बड़े बडे राजनेता* *निजीकरण की आड़ में पुनः देश की सारी संपत्ति देश के चन्द पूंजीपति घरानो को सौंप देने की कुत्सित चाल चली जा रही है।* उसके बाद क्या ..? निश्चित ही लोकतंत्र का वजूद खत्म हो जाएगा। देश उन पूंजीपतियों के अधीन होगा जो परिवर्तित रजवाड़े की शक्ल में सामने उभर कर आयेंगे। *शायद रजवाड़े से ज्यादा बेरहम और सख्त।* यानी निजीकरण सिर्फ देश को 1947 के पहले वाली दौर में ले जाने की सनक मात्र है। जिसके बाद सत्ता के पास सिर्फ लठैती करने का कार्य ही रह जायेगा। *सोचकर आश्चर्य कीजिये कि 562 रियासतों की संपत्ति मात्र चन्द पूंजीपति घरानो को सौंप दी जाएगी।* ये मुफ्त इलाज के अस्पताल, धर्मशाला या प्याऊ नहीं बनवाने वाले। *जैसा कि रियासतों के दौर में होता था। ये हर कदम पर पैसा उगाही करने वाले अंग्रेज होंगे।* निजीकरण एक व्यवस्था नहीं बल्कि पुनः रियासतीकरण है। कुछ समय बाद नव रियासतीकरण वाले लोग कहेगें कि देश के *सरकारी अस्पतालों, स्कूलों, कालेजों से कोई लाभ नहीं है अत: इनको भी निजी हाथों में दे दिया जाय तो जनता का क्या होगा ?* अगर देश की आम जनता प्राइवेट स्कूलों और हास्पिटलों के लूटतंत्र से संतुष्ट है तो रेलवे को भी निजी हाथों में जाने का स्वागत करें हमने बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए सरकार बनाई है न कि सरकारी संपत्ति मुनाफाखोरों को बेचने के लिए। *सरकार घाटे का बहाना बना कर सरकारी संस्थानो को बेच क्यों रही है? अगर प्रबंधन सही नहीं तो सही करे। भागने से तो काम नही चलेगा।* *यह एक साजिश के तहत सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है* *पहले सरकारी संस्थानों को ठीक से काम न करने दो, फिर बदनाम करो, जिससे निजीकरण करने पर कोई बोले नहीं, फिर धीरे से अपने आकाओं को बेच दो जिन्होंने चुनाव के भारी भरकम खर्च की फंडिंग की है।* याद रखिये पार्टी फण्ड में गरीब मज़दूर, किसान पैसा नही देता। पूंजीपति देता है। और *पूंजीपति दान नहीं देता, निवेश करता है।* चुनाव बाद मुनाफे की फसल काटता है। आइए विरोध करें निजीकरण का। सरकार को अहसास कराएं कि वह अपनी जिम्मेदारियों से भागे नहीं। सरकारी संपत्तियों को बेचे नहीं। अगर कहीं घाटा है तो प्रबंधन ठीक से करे। वैसे भी सरकार का काम सामाजिक होता है। मुनाफाखोरी नहीं वर्तमान में कुछ नासमझ लोग चंद टुकड़ों के लिए झंडे और डंडे पकड़ के अपने आकाओं की चाटू गिरी में मग्न है, क्या यह बता सकते हैं यह अपने आने वाली पीढ़ी को कैसा भारत देंगे
Modi aur zing ping se phone pe bat hui result agle hafte mai ane ki bol rahe the
Result on 15 October
mechanical,,,electrical,,,electronics ki combined vacancy hai ,,,,,ispe selection ki koi fixed ratio hai ya koi bhi fight kr skta hi
Hssc ee cutt off 65 out of 90 no negative total selection 1000 student for dv on approx 300 seat fully non technical only 13 ques tech out of 90 ques in 1602 vacancy of CE/ Ee/ me July paper
Bhai mechanical me manlo 3600 vacancy hai to har shift se 1200 candidates lenge na?
This party{bjp} work like a company ..not like as a government ..its very worse for democracy.if they will give all department to private company then what is the meaning of government...Why we will elect the government if no any power ......All power directly handled by company such as reliance, andani group....Then we directly choose from these companies...... Why we waste our time for electing these political party ...Who will give ultimate power to these companies 😢😢😢😢😢😢
Got 50 marks in cbt 2, civil, UR. Hoga selection?
- Nhi hoga
- Bilkul ho jaayega
0 voters
in hssc je ee Jagran Josh snap shot was again right in expected cutt off after ans key so believe over it,may it right again in je ,
Porn ok please !
Ravan Aand khujlaate hue 😂😂🤣🤣😂