हृदय भले खिन्न हो, जीवन के अँधेरे-उजास में, असफल प्रयास में, आस पराजित नहीं है, और अपराजिता हूँ मैं |
संबंधों के विच्छेद से, आस्था के भेद से, श्वास के विराम से, अवांछित आयाम से, स्नेह पराजित नहीं है, और अपराजिता हूँ मैं |
प्रेम नहीं, द्वेष हो, विश्व भर में क्लेश हो, सौभाग्य न हो, अभाग हो, ध्वनित करुण राग हो, साहस पराजित नहीं है, और अपराजिता हूँ मैं |
अग्नि, जल वायु से, नित बढ़ती आयु से, पञ्च तत्व भूत से, आत्मा के सूत्र से, परिभाषित है मेरा तन, किन्तु अपरिभाषित रही हूँ मैं - हाँ, पराजित नहीं हूँ मैं | (shally chaturvedi)
आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड, आज ज़ंग की घड़ी की तुम गुहार दो आन बान शान या कि जान का हो दान आज इक धनुष के बाण पे उतार दो आरम्भ है प्रचण्ड...
मन करे सो प्राण दे, जो मन करे सो प्राण ले, वही तो एक सर्वशक्तिमान है कृष्ण की पुकार है, ये भागवत का सार है कि युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है कौरवों की भीड़ हो या पांडवों का नीड़ हो जो लड़ सका है वो ही तो महान है जीत की हवस नहीं, किसी पे कोई वश नहीं, क्या ज़िन्दगी है ठोकरों पे मार दो मौत अंत है नहीं, तो मौत से भी क्यों डरें, ये जा के आसमान में दहाड़ दो आरम्भ है प्रचंड...
वो दया का भाव, या कि शौर्य का चुनाव, या कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो या कि पूरे भाल पे जला रहे विजय का लाल, लाल यह गुलाल तुम ये सोच लो रंग केसरी हो या मृदंग केसरी हो या कि केसरी हो ताल तुम ये सोच लो जिस कवि की कल्पना में, ज़िन्दगी हो प्रेम गीत, उस कवि को आज तुम नकार दो भीगती मसों में आज, फूलती रगों में आज, आग की लपट का तुम बघार दो आरम्भ है प्रचंड... PIYUSH MISHRA
Life is a dream for the wise, a game for the fool, a comedy for the rich and a tragedy for the poor. (sholom aleichem)
perfect definition of life and i have lived all the phases myself though not the extreme of any phase yet and by rich it doesn't mean that one who can buy anything but one who can buy more than basic needs.